लेखक : नीलोत्पल मृणाल

प्रकाशन : हिंदी युग्म

डार्क हॉर्स नीलोत्पल मृणाल की पहली कृति है जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी युवा परुस्कार भी मिला है। कहानी शुरू होती है हर उस छोटे गाँव, शहर, गली से जहां कई आंखों में बड़े बड़े सपने होते हैं। यह कहानी है उन युवाओं की जो कहते हैं ” नशा है, आई ए एस की तैयारी”। यूँ तो इस विषय पर कई कहानियां और उपन्यास लिखे गए है, फिर यही किताब क्यों ?
जवाब है, कहानी की सरलता एवं उसका विस्तृत वर्णन। किताब पढ़ने के दौरान ऐसा मालूम होता है जैसे आप मुखर्जी नगर के चाय की टपरी पे बैठे हो और किसी राजनीतिक मुद्दे पे बहस छिड़ी हुई हो। सभी किरदार काफी सजीव है। कहानी बिना भटके, किरदारों के परिश्रम सफलताओं और यदा कदा चंचल हो जाने वाले मन के इर्द गिर्द घूमती रहती है। ये कहानी है छोटे से गांव से मुखर्जी नगर तक के सफ़र की, निरंतर असफलताओं के बाद अथक प्रयासों एवं एक दिन ‘डार्क हॉर्स’ हो जाने की।
बहरहाल, यदि आप सिविल सर्विसेज के aspirant हैं या रह चुके है, तो यह कहानी आपके लिए ही लिखी गयी है। इसे एक बार जरूर पढ़ें। बात करूं यदि भाषा शैली की तो नई वाली हिंदी के साथ पूरा पूरा न्याय किया गया है।

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